वह जाने को मजबूर हुआ, वह अपनों से दूर हुआ,
एक प्रतिभाशाली युवा गया, क्यों काल भी इतना क्रूर हुआ,
अपकर्ष था, अपमान था, या कोई भय था हिय में,
जो उससे यह पामरता, दीप्तिहींन यह कृत्य हुआ
जब कोई जाता दुनिया से विधवा विलाप हम करते हैं,
किंचित सोचो अपने समाज के हितार्थ कार्य क्या करते हैं,
दो अश्रु बहा, दो पुष्प चढ़ा, सांत्वना प्रकट हम करते हैं,
न करते विचार कभी कि लोग यह कृत्य क्यों करते हैं
जब वह जीता था घुट घुट, क्या हमने अश्रु चुराए थे,
क्या उसकी उपलब्धि पर हमने फूल बरसाए थे,
जब करता था संघर्ष वह नित दिन कुछ पाने को,
किंचित प्रशंसा में उसकी, दो शब्द मुंह से आये थे
प्यार करो अपनों से पैसा वैभव साथ नही जाता,
या यूं कहें इस दुनिया से नाम भी साथ न जा पाता,
कहते हैं बड़े बुजुर्ग सदा, अपनों की दुआएं लेता जा,
ऐसा आज तक हुआ नही जो कमाया वह ले जा पाता
याद रखो इस दुनिया में, गर टूट जाये किसी का सपना,
कोशिश पूरी रहे सदा, कोई दूर न हो अपना
सी टी सी एस परिवार
लाल जीत सिंह
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